श्रीमद् भागवत कथा पुराण नवा स्कंध अध्याय 12 आरंभ
लव कुश का वंश वर्णन
श्री रामचंद्र जी की कथा सुनाने के पश्चात उनके पुत्र लव कुश का वंश वर्णन करते हुए श्री सुखदेव जी बोले हे राजन् उसके पुत्र अतिथि हुए अतिथि से निषाद निषाद सेना और नाव के पुत्र पुंडरीक हुए पुंडरीक से 6 धनिया और उनमें से दैनिक हुए इसी तरह स्त्राव कुआं में मारू नामक के रूप के बहुत प्रतापी राजा हुए मारू से प्रतीत उससे संधि संधि से ओम प्राण हम प्राण से महासंघ और महासंघ से बिजवासन की उत्पत्ति हुई राजा परीक्षित राजा मधु के वंश में ब्रदर राजा हुए जिससे तुम्हारी दादा भीमसेन ने महाभारत युद्ध में मार गिराया हे राजन यीशु वंश में आने वाले राजा के नाम ध्यानपूर्वक सुनो वृद्धा उनके पुत्र वितरण हुआ उसे और प्रिय पूर्व सेवानिवृत्त उनका पुत्र पति पति तुमसे भानु भानु से दीवार और दीवार के पुत्र सदैव रहेंगे और कलयुग में कई पीढ़ी तक उनका राज चलेग
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Shrimad Bhagwat Katha Purana Nava Skandha Chapter 12 Beginning
Luv Kush's genealogy
After narrating the story of Shri Ramchandra ji, while describing the lineage of his son Luv Kush, Shri Sukhdev ji said, O Rajan, his son became guest of guest, Nishad, Nishad army, and boat's son Pundarik became 6 coriander from Pundarik and daily discharge from them like this. In the well, there was a very majestic king named Maru in the form of Maru, from the treaty, Om Pran Hum Pran originated from the federation and Bijwasan was born from the federation, King Parikshit became the brother king in the lineage of King Madhu, from whom your grandfather Bhimsen killed in the Mahabharata war. O king, listen carefully to the name of the king coming in the Jesus dynasty, the old man his son was distributed to him and his beloved former retired husband, husband from you Bhanu Bhanu, the sons of the wall and wall will always be there and they will rule for many generations in Kaliyuga.
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