श्रीमद् भागवत कथा पुराण पंचम स्कंध अध्याय 26

श्रीमद् भागवत कथा पुराण पंचम स्कंध अध्याय 26 आरंभ

विभिन्न मार्गों का विस्तार पर्वक वर्णन यहां तक की कथा सुनकर राजा परीक्षित बोले हैं महात्मा जान जीवो को कर्मानुसार फल की प्राप्ति होती है किंतु किन पापों से नरक मिलता है कृपा करके आप मुझे बताएं आपने अब तक की कथा के मध्य में लड़कों के नाम का उल्लेख तो किया किंतु विस्तारपूर्वक हाल वर्णन नहीं किया मुझसे इस आयु में या अपराध हुआ कि मैं ने ब्राम्हण के गले में मारा हुआ सर डाल दिया इस बाप के बदले मुझे किस नर्क में जाना होगा राजा परीक्षित के वचनों को सुनकर श्री सुखदेव जी मुस्कुरा कर बोले हे राजन् तुम नर्क में जाने योग्य नहीं हो इसलिए मैंने नर्क का हाल हुआ डन तुमसे नहीं किया नर्क की 8400000 योनि है किंतु 28 मार्च मुख्य माने जाते हैं सुमेरु पर्वत से 99 योजन दक्षिण भारती के नीचे तथा पानी के ऊपर स्थित है नर्क का दुख देखकर आपने वंशजों की शुभ कामना करते हुए उन्हें नर्क में आने से मना करने के नरक के द्वार पर मित्रगण बैठे रहते हैं 88 नर्सों के नाम ग्राम मित्र अनुरोध महाराज कुंभी पार्क काल सूत्र 8052 प्रमुख अंधकूप त्रिभुज प्रदेश सचिव सम्मिलित ब्रिज कटन प्राण रोधी वैतरणी प्रमोद विशाल लाला भाग 4 मैदान बीच आरक्षण भोजन चार कदम आर्यन 5 सूरत 10 जून अब रोहन परिवर्तन तथा सुनिश्चित मुक्त है धन स्त्री एवं पुत्र आदि का हरण करने वाला प्राणी तामसिक नरक का भागी होता है उसके यमदूत बांधकर मुद्राओं से मारते हुए महान अंधकार में ले जाकर डाल देते हैं वहां भोजन एवं पानी उस जीव को नहीं मिलता है जो प्राणी किसी को धोखा देता है उसे अंता मासी नर्क में अनेक मांगों को काटकर मुद्दों से मारते हुए यमदूत ल जाकर डाल देते हैं अधर्म की कमाई से परिवार का पालन करने वाला हंकारी मनुष्य को और रॉन्ग नामक नरक में यमदूत डाल देते हैं और उसे सर पर से कटवाते हैं वहां जीव अत्यधिक पुकार करता है परंतु उसकी पुकार यमदूत हंसते हैं पशु पक्षी अथवा किसी जीव को आपने भोजन के लिए जो मनुष्य मारता है उसे महारुद्र नरक मिलता है जो मनुष्य अपना धर्म कर्म त्याग वेद शास्त्र नहीं मानता उसे ताल सूत्र नर्क में जाना पड़ता है वहां जहां सड़ा हुआ मांस भरा पड़ा है यदि कोई मनुष्य किसी पशु अथवा पक्षी को बांधकर रखता है तो उसे पानी से भरे कुंभी पार्क नर्क में डाल कर उसके तन पर गर्म तेल छूट जाते हैं तथा माता-पिता को दूर वचन कहने वाले मनुष्य को अथवा भोजन आदि नहीं देता उसे यमदूत ले जाकर अग्नि के समान जलती हुई तांबे की शीला पर नंगे पांव दौड़ आते हैं जो शास्त्र मार्ग छोड़कर अपनी इच्छा से कुमार्ग पर चलता है उसे हंसी प्राप्त होता है यमदूत उसे वृक्षों पर चढ़ा कर गिरा देते हैं उस वृक्ष के पत्ते तलवार की तरह होते हैं पत्तों से शरीर पर जाने के कारण प्राणी को अत्यंत दुख मिलता है जो राजा किसी प्राणी को अकारण डांस देता है उसे यमदूत सुपर वह नरक में डाल देते हैं जहां वह गन्ने की तरह कोल्हू में पैर जाता है खटमल मक्खी मच्छर आदि को मारने वाले जीवो को अंधकूप नरक मिलता है वहां उसे खटमल मच्छर मक्खी आधी रात दिन उसका खून पीते हैं जो मनुष्य अपने साथ वाले को भोजन कराएं बिना स्वयं अकेले खा लेता है उसे क्रीम भोजन नामक नरक में यमदूत खेल लेते हैं जो कीड़ों से भरे हुए कुंड होता है उसमें डाल कर उसे कीड़े खिलाते हैं जो मनुष्य किसी ब्राह्मण का ध्यान जबरदस्ती छीन लेता है अथवा चुरा लेता है तो उसे मनुष्य को संदेश नर्क में डाला कर जलाते हुए खंभे में बांध देते हैं और जो कोई स्त्री अथवा पुरुष दूसरों के साथ जाकर बहुत प्यार करते हैं उसे गर्म लोहे से चढ़ते हुए पशुओं से विचार करते हुए यमदूत राजकोट और साल में नर्क में डाल देते हैं और लोहे के कांटे से उसके तन हो चहते हैं किसी का धर्म जबरजस्ती बिगाड़ने वाले को वैतरणी नामक में डालकर भोजन के स्थान पर लहू मल मूत्र व पिलाते हैं शुद्ध स्त्री के साथ भोग करने वाले को प्रमोद नामक नरक में निष्ठा के कुंड में यमदूत डाल देते हैं तथा ब्राह्मण आदि उत्तम पुल के पुरुष आदि हिंसा करते हैं जो जिन्होंने विश्व अंगारक प्राप्त होता है और यमदूत उसे ओखली में डालकर गद्दारों से उठते हैं दासी के साथ बात करने वाले को लालबाग नाक मे डालकर उस मनुष्य को यमदूत लाल एवं पिलाते हैं किसी के घर में आग लगाने अथवा लूट का कार्य करने वाले मनुष्य को सहारे वेदांत नर्क में डालकर हजारों कुत्तों से कटवाते हैं जिससे उसे अत्यधिक पीड़ा होती है और झूठ बोलने वाला को अभिजीत नरक मिलता है और जो ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर मदिरा शराब करता है उसे आर्यन नर्क भोग का दंड मिलता है भिक्षा मांगने वाले मनुष्य को आंखें दिखा कर छूट का देने वाले मनुष्य को सल प्रेत नर्क में यमदूत डाल देते हैं और उसे सर्प तथा गीतों से कटवाते हैं अंधे मनुष्य को रास्ता पूछने पर रास्ता ना बात लाने वाले मनुष्य खैरागढ़ नर्क में डालकर रक्षा द्वारा दुख पहुंचाते हैं राक्षसों से रक्तदान तथा मांस खिलाते हैं उग्र स्वभाव से दूसरों को पीड़ा देने वाले मनुष्य को दक्षिण नाम अक्षर पर से भरे हुए खून का नरक मिलता है और घर आए अतिथि तथा ब्राह्मण का सम्मान ना करने वाले को पर्यावरण नर्क तथा धान की उम्मत के चूर प्राणियों की सूची मुक्त नरक भोगना पड़ता है अतः राजा परीक्षित मनुष्य के कर्मानुसार नर्क है इसलिए साधु महात्माओं की सेवा तथा सत्संग में बैठकर ज्ञान प्राप्त कर चाहिए जिससे परलोक सुधर गए और श्रीमद्भागवत कथा एवं वेद मंत्रों का श्रवण करें दीनदयाल श्री हरिनारायण उसके समस्त अपराधों को क्षमा कर पाप से मुक्ति देकर देव लोक को सुख प्रदान करेंगे हे राजन भागवत कथा सुनने से ब्राह्मणों के गले में मृत सर्प डालने के पाप से तुम मुक्त हो गए अब तुम्हें बैकुंठ धाम का सुख मिलता हाय

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Shrimad Bhagwat Katha Purana Pancham Skandha Chapter 26 Beginning

King Parikshit has said, after hearing the story of various paths, that Mahatma, souls get fruits according to their deeds, but what sins lead to hell, please tell me, you have mentioned the names of boys in the middle of the story so far. So did but did not describe the situation in detail, I have committed a crime at this age or that I put a slashed head in the neck of a Brahmin, which hell should I go to in exchange for this father, after listening to the words of King Parikshit, Shri Sukhdev ji said with a smile. Rajan, you are not eligible to go to hell, so I did not do the condition of hell to you. Hell has 8400000 yoni, but on March 28, it is considered to be the main, 99 yojana from Sumeru mountain is situated below South Bharati and above the water, seeing the misery of hell, you Wishing good luck to the descendants, friends sit at the gate of hell to refuse them to come to hell 4 Maidan Beach Reservation Food Four Steps Aryan 5 Surat 10 June Now Rohan is change and sure free Water is not available to the creature who deceives someone, after cutting off many demands in Hell, the eunuchs take him and put him in the hell named Rong. The eunuchs put it and get it cut from the head, there the creature cries a lot, but the eunuch laughs at his call, the animal, the bird or the person who kills any creature for food, he gets the Maharudra hell, the man who renounces his religion, Vedas. He does not believe that he has to go to the Tala Sutra Hell, where there is rotten flesh, if a person keeps an animal or a bird tied, then by putting him in the water-filled Kumbhi Park Hell, hot oil is left on his body and mother - To the person who speaks distant words to the father or not to food etc. The eunuch takes him and comes running barefoot on a copper rock burning like a fire, who leaves the scripture path and walks on the wrong path of his own will, he gets laughter, the eunuchs climb him on the trees and drop the leaves of that tree with the help of a sword. It is like going on the body from the leaves, the creature gets a lot of pain, the king who gives dance to any creature without reason, he is thrown into hell, where he goes to the crusher like sugarcane to kill the bedbug fly, mosquito etc. The living beings get hell, there bedbugs, mosquitoes, flies drink his blood in the middle of the night, which humans eat alone without feeding their companions. Put it in it and feed it with worms; If a person forcefully snatches or steals the attention of a Brahmin, then sends a message to a human being in hell and binds it in a burning pillar and whoever goes with others, loves a lot. Let's do it while thinking of animals climbing with hot iron The eunuchs put them in Hell in Rajkot and Sal, and they want to get rid of their body with an iron thorn, by forcibly putting those who pervert one's religion in the name of Vaitarani, give blood, urine and urine in place of food and give pleasure to the one who enjoys with a pure woman. The eunuchs put in the pool of loyalty in the hell called and brahmins etc. The men of the best bridge etc. commit violence, who have attained the world embers and the eunuchs get up from the traitors by putting it in the hole and putting the person who talks with the maid in the nose of Lalbagh. The eunuchs give red and drink to that person, putting a man on fire in someone's house or doing the work of plunder, put him in Vedanta hell and get him cut by thousands of dogs, due to which he suffers a lot and the one who tells a liar gets a conquered hell and who is a brahmin. By taking birth in the clan, he drinks alcohol, he gets the punishment of Aryan Hell enjoyment people who don't talk when asked By putting them in the Khairagarh Hell, they cause suffering by donating blood and feeding meat from the demons. A person who is tormenting others by a fiery nature gets a hell of blood filled with the letters of the name Dakshina, and the guest who comes home and does not respect the Brahmin. One has to suffer from environmental hell and free list of the broken beings of paddy ummat, therefore King Parikshit is hell according to the deeds of man, so one should get knowledge by sitting in satsang and service of sages, so that the afterworld is improved and listening to Shrimad Bhagwat Katha and Veda Mantras. Do it Deendayal Shri Harinarayan will forgive all his crimes and give happiness to God by giving freedom from sin, O Rajan, by listening to the Bhagwat story, you are freed from the sin of putting a dead snake around the neck of Brahmins, now you get the happiness of Baikunth Dham.

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