श्रीमद् भागवत कथा पुराण पंचम स्कंध अध्याय 24

श्रीमद् भागवत कथा पुराण पंचम स्कंध अध्याय 24 आरंभ

14 लोगों का वृतांत श्री सुखदेव जी बोले हे राजन् सूर्य से 10 हजार योजन नीचे राहु का रथ रहता है राहु के कारण ही ग्रहण लगता है परंतु श्री हरि के सुदर्शन चक्र द्वारा रक्षा किए जाने के कारण राहु उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता राहु के 10,000 योजना नीचे विद्याधर चारण तथा सिद्धगड़ रहते हैं और उससे नीचे यक्ष एवं भूत प्रेत आदि निवास करते हैं और उसी 12 लाख योजन के नीचे मृत्यु लोक है हे राजन मृत्यु लोक के ऊपर के साथ खंडो हिस्सा तो लोग के रूप में जाने जाते हैं हैं जिनके नाम भूलोक ब्लॉक स्वर्ग लोक महा लोक जन लोक तक लोक तथा सतलोक और नीचे के साथ लोग अतल वितल सुतल ताला तल महातर रसातल एवं पाताल लोक है नीचे के साथ लोग 10 10 हजार योजन के विस्तार में है इन लोगों में स्वर्ग के समान धन-संपत्ति यस की वस्तु विद्यमान है इन लोगों में माया दान की बनाई हुई अनेक पूरी है वहां कभी वृद्धा अवस्था का आगमन नहीं होता बलवर्धक औषधियों औरत ना का भंडार रहता है यदि वहां किसी चीज का भय होता है तो वह भगवान के सुदर्शन चक्र का ताल्लुक में माया दान के पुत्र बल का राज है ब्लॉक में माया दान के पुत्र बलवान असुरों का राज है जिसे इंद्रजाल की माया बनाई है जहां भानुमति आदि स्त्रियों मंत्र बल से फल समेत ब्रिज प्रकट कर देते हैं असुरों के जमाई लेने से सुंदर स्त्रियां निकलती है और तीनो लोक में जाकर स्वच्छंद विचरण करते हैं और अपनी इच्छा अनुसार स्मरण करती है ब्लॉक में ही हाटकेश्वर भगवान शिव जी का निवास है उन्होंने अग्नि को खाकर गुदाद्वार से निकाल दिया उसी से सोना उत्पन्न हुआ जिसका वर्णन भूषण देवा केनी पहनते हैं उसके नीचे सूत्र लोग हैं जहां राजा बलि का राज है और उनके द्वार पर भक्तवत्सल भगवान स्वयं आठों पहर विराजमान रहते हैं सूत्रों के नीचे तलाक पर रोक है वहां वहां पर त्रिपुर दानव का राज है जो महादेव शंकर का परम भक्त है भगवान महादेव की कृपा से उसे मृत्यु का डर नहीं तलाताल के नीचे महाकाल लोग स्थित है जहां परीक्षित राज गरुड़ के भाई से कुटूर के पुत्र नाग छुप कर रहते हैं महाकाल के नीचे रसातल में निवास कवच हिरण तथा कालेज आदि डाव्या इंद्र से भयभीत होकर निवास करते हैं और आशा ताल से नीचे पाताल लोक वहां वास्तविक आदि बड़े-बड़े नागौर हजार फन वाले सेठ जी रहते हैं वही जिन्होंने के मस्तक पर पृथ्वी टिका हुआ है पाताल लोक में से जी के गोलाकार शरीर पर समस्त जगत का कल्याण करने वाले सुख निधि अपने चतुर्भुज आरोपी में अपनी प्रिय लक जी के साथ निवास करते हैं

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Shrimad Bhagwat Katha Purana Pancham Skandha Chapter 24 Beginning

Story of 14 people Shri Sukhdev ji said, O king, Rahu's chariot stays 10 thousand yojans below the Sun, it is because of Rahu that there is an eclipse, but due to the protection of Shri Hari by the Sudarshan Chakra, Rahu cannot spoil them 10,000 plans of Rahu. Vidyadhar, Charan and Siddhagad live below and below that reside the Yakshas and ghosts etc. And under the same 12 lakh yojans there is the death world, O Rajan, with the top of the death planet, they are known as people whose names are Bhulokas. Block Heaven Lok, Maha Lok, Jan Lok, people with Satlok and below, Atal Vital Sutal Tala, bottom is the great abyss and Hades, people with the bottom are in the expansion of 10 thousand yojanas, these people have wealth and wealth like heaven. The object is present in these people, there are many things made by the donation of Maya, there is never the arrival of old age, there is no stock of powerful medicines, if there is a fear of anything, then it is related to the Sudarshan Chakra of God through Maya donation. Son is the rule of force, in the block is the rule of the mighty asuras, the son of Maya Dan, who is known as Indrajal. Maya has been created where women like Pandora, with the help of mantras, reveal the bridge with fruits with the help of asuras, beautiful women emerge from the gathering of demons and roam freely in all the three worlds and according to their wish, remembers Hatkeshwar Lord Shiva in the block itself. He ate the fire and removed it from the anus, gold was produced from it, which is described by Bhushan Deva Kenny, under him there are sutra people, where King Bali reigns, and at his door, Bhaktavatsal Lord himself sits for eight hours on divorce under the sutras. There is a ban, there is the rule of the demon Tripura, who is the supreme devotee of Mahadev Shankar, by the grace of Lord Mahadev, he is not afraid of death. Under Talatal, the people of Mahakal are located, where the snakes of Kutur's son live hiding from the brother of Parikshit Raj Garuda. Underneath the abyss resides in the abyss under the armor, deer and college etc. Davyas live in fear of Indra and below the Asha pool in Hades, there live the real and big Nagaur, the thousand hooded Seth ji, the one who has the earth resting on the head of Hades. of G's circular body But the happiness fund, who does the welfare of the whole world, resides in his quadrilateral accused with his dear luck.

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