श्रीमद् भागवत कथा पुराण पंचम स्कंध अध्याय 7 आरंभ
पुत्र भरत को राज देखकर तब हेतु ऋषभ देव जी का वन पस्थान श्री सुखदेव जी महाराज राजा परीक्षित से बोले थे राजन आपने भरत नाम के जेष्ठ पुत्र और आज शॉप पर स्वयं ऋषभदेव जीवन चले गए राजा भरत धर्म पूर्वक राज करते हुए प्रजा का पुत्र व्रत पालन करने लगे उसने अपना विवाह गीत स्वरूप की कन्या पंचगनी से किया जिससे 5 पुत्र उत्पन्न हुए तत्पश्चात राजा ने आने का यज्ञ किए और उसका फल श्री हरि नारायण को अर्पण किया इस प्रकार इस हजार वर्ष तक सुख पूर्वक राज करने के उपरांत सांसारिक माया को स्वप्न के समान मिथ्या समझ कर अपने पुत्रों को राज सिहासन सौंपकर एवं पुल आश्रम के किनारे जा कर भगवत भजन करने में लीन हो गए और कंदमूल फल खाकर आनंद का अनुभव करते हुए रहने लगे 1 दिन राजा भरत नदी में स्नान करके दोपहर के समय सूर्य देव का ध्यान कर रहे थे उसी समय हीरोइनों के झूम से बिछड़ कर एक गर्भवती हिरण नदी में जल पीने लगी अचानक वन में सिंह की दहाड़ गूंज उठी जिसे सुनकर अत्यंत भयभीत होकर हिरनी तीव्र गति से भागे और नदी का बांध लावा आते समय उसके गर्भ का बच्चा गिर पड़ा हिरणी उसी स्थान पर मर गई किंतु बच्चा जीवित रहा राजा भरत यह सब देख रहे थे और बच्चे की दुर्दशा देखकर विचार करने लगे यदि यह बच्चा इसी स्थान पर पड़ा रहा तो जंगली जीव खा जाएंगे और पाप का भागी मैं बनूंगा इसलिए इस बच्चे की मुझे रक्षा करनी चाहिए ऐसे विचार कर उन्होंने बच्चों को उठा लिया और दो खोज कर अपने ऊपर ले आए
Shrimad Bhagwat Katha Purana Pancham Skandha Chapter 7 Starts
Seeing the kingdom of son Bharata, Rishabh Dev ji's forest path Shri Sukhdev Ji Maharaj said to King Parikshit, Rajan, Rajan, you have gone to Rishabhdev's life at the shop today and went to Rishabhdev's life at the shop today, King Bharata rul He started doing his marriage to the female Panchgani of the song, from which 5 sons were born, then the king performed a sacrifice to come and offered his fruit to Shri Hari Narayan, thus after ruling it happily for this thousand years, the worldly maya dream of dreams Considering the same false falsehood, he was absorbed in the Bhagwat bhajan by handing over the royal throne to his sons and going to the Bridge ashram, and eating the Kandamool fruit, he started experiencing bliss and continued to keep a day after bathing in the King Bharat river and after bathing in the King Bharata river. At the same time, he was separating from the jhoom of the heroines and started drinking water in a pregnant deer, suddenly the rumor of the lion echoed in the forest, which was very frightened and the deer ran away at a rapid pace and the river's baby fell while coming to the river dam lava. Hirani died at the same place but the child remained alive King Bharata is watching all this Seeing the plight of the child, he started thinking after seeing the plight of the child, if this child remains in this place, then the wild creatures will eat and I will become a part of sin, so I should protect this child, considering that he picked up the children and searched for two Bring
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