ज्योतिष में तीसरे स्थान को भ्राता स्थान एवं मंगल ग्रह को भरता ग्रह माना गया है हम देखे…
ज्योतिष में चतुर्थ भाव से माता का विचार किया जाता है और चंद्रमा को माता माना गया है जो…
पितृ शराब के कारण बनने वाले ज्योतिषी योग में सूर्य ग्रह की प्रधानता रहती है क्योंकि भा…
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